भारतीय सड़कों पर रोज़ लाखों गाड़ियाँ दौड़ती हैं और उतनी ही तेजी से दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ रही है। जब कभी कार किसी दुर्घटना में शामिल हो जाती है, तो कार ओनर का पहला सवाल लगभग हमेशा यही होता है—“अब क्या करें?”
इसी समय पर सबसे उपयोगी साबित होती है इंश्योरेंस पॉलिसी, लेकिन समस्या तब आती है जब हमें यह नहीं पता होता कि How to claim car insurance after accident यानी एक्सीडेंट के बाद कार इंश्योरेंस क्लेम कैसे करें।
यह गाइड पूरी तरह भारतीय संदर्भ में तैयार की गई है ताकि आप किसी भी स्थिति में सही और स्मार्ट कदम उठा सकें।
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क्यों जरूरी है यह जानना कि How to claim car insurance after accident?
जब दुर्घटना होती है, तो व्यक्ति का फोकस सिर्फ दो चीज़ों पर होता है—
- लोग सुरक्षित हों
- कार के नुकसान की भरपाई कैसे होगी
दूसरे पॉइंट पर समझदारी तभी आती है जब आप पहले से जानें कि एक्सीडेंट के बाद How to claim car insurance after accident की प्रक्रिया क्या है।
अगर यह जानकारी नहीं है, तो आप इन गलतियों की वजह से क्लेम खो भी सकते हैं:
- देर से इंश्योरेंस कंपनी को जानकारी देना
- FIR न कराना
- गलत जानकारी देना
- बिना अनुमति रिपेयर शुरू कर देना
- ग़लत या अधूरे डॉक्यूमेंट जमा करना
ऐसे में पूरा वित्तीय बोझ आपके ऊपर आ जाता है।
इसलिए यह गाइड हर कार ओनर के लिए बेहद ज़रूरी है।
Step-by-Step Guide: How to claim car insurance after accident

अब हम पूरी प्रक्रिया को इंसानी अनुभव आधारित उदाहरणों और प्रैक्टिकल स्टेप्स में समझेंगे।
Step 1: सबसे पहले सुरक्षा सुनिश्चित करें (Ensure Safety Before Claim Process)
एक्सीडेंट छोटा हो या बड़ा, प्राथमिकता हमेशा इंसानी जान की सुरक्षा होती है।
आपको क्या करना चाहिए:
- सभी यात्रियों की हालत जांचें
- जरूरत हो तो 112 पर कॉल करें
- कार को साइड में लगाएँ, अगर ट्रैफिक बाधित हो रहा हो
- एक्सीडेंट वाले स्थान को बहुत ज्यादा न बदलें
यह स्टेप इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इस पूरी स्थिति की तस्वीरें आगे क्लेम की नींव बनती हैं।
Step 2: मौके से सबूत इकट्ठा करें (Document Everything)
How to claim car insurance after accident प्रोसेस का सबसे महत्वपूर्ण चरण यही है।
एक अच्छे प्रमाण से क्लेम जल्दी मंजूर होता है।
आपको ये चीज़ें ज़रूर कलेक्ट करनी चाहिए:
- दुर्घटना स्थल की तस्वीरें (कई एंगल्स से)
- दोनों वाहनों की क्षति की फोटो
- नंबर प्लेट
- रोड कंडीशन, सिग्नल, ट्रैफिक की स्थिति
- दूसरी पार्टी का नाम, नंबर, इंश्योरेंस डिटेल
- गवाहों का नाम व कॉन्टैक्ट
कई लोग घबराहट में फोटो लेना भूल जाते हैं—यही सबसे बड़ी भूल है।
Step 3: FIR कब और क्यों जरूरी है?

हर केस में FIR ज़रूरी नहीं होती, लेकिन इन मामलों में अनिवार्य है—
- किसी को चोट लगी हो
- थर्ड-पार्टी नुकसान हो
- चोरी, हिंसा, झगड़ा आदि शामिल हो
- बड़ी दुर्घटना हो
FIR आपके क्लेम को कानूनी मजबूती देती है।
अगर आप वास्तव में जानना चाहते हैं “How to claim car insurance after accident in India”, तो FIR की भूमिका को कभी हल्के में न लें।
Step 4: तुरंत इंश्योरेंस कंपनी को सूचना दें
कई लोग गलती करते हैं कि पहले कार रिपेयर करवाते हैं और बाद में इंश्योरेंस को बताते हैं।
यह क्लेम रिजेक्ट होने का सबसे बड़ा कारण है।
इंश्योरेंस कंपनियाँ आमतौर पर 24–48 घंटे के भीतर इंटिमेशन मांगती हैं।
सूचना देने के तरीके:
- टोल-फ्री नंबर
- मोबाइल ऐप
- वेबसाइट
- ईमेल
Step 5: क्लेम फॉर्म भरें (Claim Intimation Form)

यह वह दस्तावेज़ है जहां आप घटना को लिखित में दर्ज करते हैं।
ध्यान रखने योग्य बातें:
- जो हुआ है उसी क्रम में लिखें
- अतिरंजित बातें न जोड़ें
- कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी न छुपाएँ
Step 6: जरूरी डॉक्यूमेंट्स जमा करें
Accident Claims के लिए:
- पॉलिसी कॉपी
- RC
- ड्राइविंग लाइसेंस
- FIR (अगर लागू)
- फोटो/वीडियो
- रिपेयर estimate
- क्लेम फॉर्म
- असली बिल (रीइम्बर्समेंट में)
Theft Claims के लिए:
- FIR
- Non-traceable certificate
- RC
- Insurance policy
- DL
- Purchase invoice
Third-party Claims:
- FIR
- RC
- DL
- Insurance policy
- फोटो
Step 7: सर्वेयर निरीक्षण (Surveyor Inspection)

इंश्योरेंस कंपनी सर्वेयर भेजती है जो नुकसान का आकलन करता है।
सर्वेयर देखता है:
- नुकसान की वैधता
- दुर्घटना की सच्चाई
- मरम्मत की संभावना
- अनुमानित लागत
टिप:
सर्वेयर से कुछ भी छुपाएँ नहीं, इससे क्लेम में देरी हो सकती है।
Step 8: कैशलेस और रीइम्बर्समेंट क्लेम की प्रक्रिया
Cashless Claim (सबसे आसान तरीका)
- कार नेटवर्क गैराज में जाती है
- सर्वेयर अप्रूवल देता है
- भुगतान सीधे गैराज को
Reimbursement Claim
- पहले आप पैसे देते हैं
- फिर कंपनी बिल देखकर भुगतान करती है
कौन सा बेहतर है?
→ कैशलेस, क्योंकि इसमें तनाव कम होता है और धोखाधड़ी के चांस भी कम होते हैं।
Step 9: क्लेम सेटलमेंट

सभी दस्तावेज़ और रिपोर्ट पूरा होने पर:
- कैशलेस में कंपनी सीधे गैराज को भुगतान करती है
- रीइम्बर्समेंट में आपके बैंक खाते में रकम भेजी जाती है
Step 10: लगातार फॉलो-अप करते रहें
कई बार एक-दो डॉक्यूमेंट्स के कारण क्लेम लटक जाता है।
ऐसे में मोबाइल ऐप, SMS, ईमेल या कस्टमर केयर के जरिए अपडेट लेते रहें।
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कार इंश्योरेंस क्लेम में होने वाली आम गलतियाँ (Avoid These Mistakes)
- देर से सूचना देना
- एक्सपायर्ड पॉलिसी
- बिना लाइसेंस गाड़ी चलाना
- नशे में ड्राइविंग
- रिपेयर पहले करा लेना
- गलत डॉक्यूमेंट जमा करना
- तथ्य छुपाना
- ग़लत तरीके से क्लेम करना
इन गलतियों से क्लेम 100% रिजेक्ट हो सकता है।
How to claim car insurance after accident – तेज़ मंजूरी के लिए टिप्स

- तस्वीरें जितनी ज्यादा हों, उतना बेहतर
- दोनों पार्टियों की इंश्योरेंस डिटेल लिख लें
- सर्वेयर के आने तक कार न छुएँ
- सभी बिल संभाल कर रखें
- कैशलेस गैराज को प्राथमिकता दें
- छोटे नुकसानों में NCB बचाने के लिए क्लेम न करें
निष्कर्ष
कार इंश्योरेंस क्लेम प्रक्रिया मुश्किल नहीं है, बस सही समय पर सही कदम उठाने की जरूरत है।
अगर आप यह समझ लेते हैं कि How to claim car insurance after accident, तो दुर्घटना जैसी तनावपूर्ण स्थिति में भी आप बेहद आसानी और आत्मविश्वास के साथ प्रक्रिया पूरी कर पाएँगे।
याद रखें—
जानकारी ही सुरक्षा है।
इसलिए एक्सीडेंट के समय घबराएँ नहीं, बस इस गाइड के अनुसार स्टेप-बाय-स्टेप आगे बढ़ें।
FAQs on How to Claim Car Insurance After Accident
1. क्या एक्सीडेंट के बाद बिना FIR क्लेम हो सकता है?
हाँ, छोटे नुकसान में हो सकता है। लेकिन चोट, चोरी या थर्ड-पार्टी मामले में FIR ज़रूरी है।
2. क्लेम करने की समय सीमा क्या है?
24–48 घंटे के भीतर इंश्योरेंस कंपनी को सूचित करना आवश्यक है।
3. क्या NCB क्लेम करने पर खत्म हो जाता है?
हाँ, जब तक आपने NCB Protect Cover नहीं लिया हो।
4. क्या हर नुकसान पर क्लेम करना सही है?
नहीं, छोटे नुकसान में NCB बचाना बेहतर होता है।
5. क्या सर्वेयर की अनुमति बिना रिपेयर शुरू कर सकते हैं?
नहीं। यह क्लेम रिजेक्ट करा सकता है।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हर इंश्योरेंस कंपनी की शर्तें अलग हो सकती हैं। किसी भी निर्णय से पहले अपनी पॉलिसी व शर्तें अवश्य पढ़ें।
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Raj Prajapati, Senior Content Writer, brings 4 years of blogging expertise. He writes how-to tutorials, lifestyle articles, and career-focused content that helps readers make informed decisions.